विजय मिळेपर्यंत बॅट खाली न ठेवणारे फलंदाज !
 क्रिकेटमध्ये असे अनेकदा घडते की एखादा फलंदाज धडाकेबाज खेळी करून संघाला अगदी विजयाच्या समीप आणून ठेवतो व बाद होतो. सेट झालेला फलंदाज बाद झाला की पराभवाच्या खाईत लोटल्या गेलेल्या संघाचे मनोधैर्य उंचावतो. नवा आलेला फलंदाज सेट व्हायला थोडा वेळ घेतो,  आवश्यक धावगती चेंडूगणिक वाढत जाते. फलंदाजाला धोका पत्करणे भाग पडते. यातच मग त्याची विकेट पडते व एक दुष्टचक्रात संघ फसतो व अगदी आटोक्यात असलेल्या विजयाचे पराभवात रूपांतर होते. शेवटी पब्लिक पराभवाचे खापर धडाकेबाज खेळून विजयाचे स्वप्न दाखविणार्या खेळाडूवर फोडून मोकळे होते. त्याने विकेट फेकली, शेवटपर्यंत उभा राहिला असता तर हाता-तोंडाशी आलेला विजय पराभवात बदलला नसता. यात थोडेफार तथ्य जरूर आहे. सेट झालेल्या खेळाडूने विजय आटोक्यात आल्यावर थोडा संयम राखून फलंदाजी करण्याची गरज असते. त्याने विजय प्राप्त होईपर्यंत उभे राहण्याचे अपेक्षा असते. इंग्रजीत "कॅरी करणे" !
एक दिवसीय सामन्यात दूसर्या डावात धावांचा पाठलाग करताना विजय प्राप्त होईपर्यंत लढणार्या खेळाडूंची, नाबाद राहणार्या खेळाडूंचा ताळेबंद खाली मांडलेला आहे.   संघाला नाबाद राहून विजय मिळावून देणारे पहिले 20 खेळाडू खालीप्रमाणे –
| Player | Span | Mat | Runs | HS | Ave | SR | 
100 
 | 
50 
 | 
| JN Rhodes (SA) | 1992-2002 | 
33 
 | 
941 
 | 75* | 
28.52 
 | 
82.61 
 | 
0 
 | 
5 
 | 
| Inzamam-ul-Haq (Pak) | 1993-2006 | 
32 
 | 
1787 
 | 118* | 
55.84 
 | 
86.91 
 | 
3 
 | 
15 
 | 
| RT Ponting (Aus) | 1995-2011 | 
30 
 | 
1504 
 | 124* | 
50.13 
 | 
86.38 
 | 
4 
 | 
10 
 | 
| M Azharuddin (India) | 1985-2000 | 
30 
 | 
1419 
 | 108* | 
47.30 
 | 
87.7 
 | 
1 
 | 
12 
 | 
| JH Kallis (SA) | 1996-2008 | 
29 
 | 
1648 
 | 121* | 
56.83 
 | 
74.06 
 | 
2 
 | 
17 
 | 
| A Ranatunga (SL) | 1982-1999 | 
27 
 | 
1366 
 | 131* | 
50.59 
 | 
87.78 
 | 
1 
 | 
11 
 | 
| MS Dhoni (India) | 2005-2011 | 
27 
 | 
1347 
 | 183* | 
49.89 
 | 
94.32 
 | 
2 
 | 
9 
 | 
| DR Martyn (Aus) | 1999-2006 | 
27 
 | 
906 
 | 92* | 
33.56 
 | 
79.75 
 | 
0 
 | 
7 
 | 
| SR Waugh (Aus) | 1986-2001 | 
26 
 | 
861 
 | 120* | 
33.12 
 | 
77.01 
 | 
1 
 | 
6 
 | 
| SR Tendulkar (India) | 1991-2009 | 
25 
 | 
1847 
 | 127* | 
73.88 
 | 
92.21 
 | 
8 
 | 
10 
 | 
| Yuvraj Singh (India) | 2002-2011 | 
25 
 | 
1268 
 | 107* | 
50.72 
 | 
93.09 
 | 
1 
 | 
14 
 | 
| BC Lara (WI) | 1992-2007 | 
25 
 | 
1244 
 | 146* | 
49.76 
 | 
91.06 
 | 
3 
 | 
7 
 | 
| MG Bevan (Aus) | 1994-2003 | 
25 
 | 
1020 
 | 102* | 
40.80 
 | 
68.91 
 | 
1 
 | 
8 
 | 
| MV Boucher (SA) | 1998-2009 | 
25 
 | 
604 
 | 63* | 
24.16 
 | 
90.96 
 | 
0 
 | 
3 
 | 
| SM Pollock (SA) | 1996-2008 | 
25 
 | 
264 
 | 26* | 
10.56 
 | 
91.66 
 | 
0 
 | 
0 
 | 
| DPMD Jayawardene (SL) | 1998-2011 | 
24 
 | 
950 
 | 126* | 
39.58 
 | 
91.25 
 | 
2 
 | 
4 
 | 
| Mohammad Yousuf (Pak) | 1998-2008 | 
23 
 | 
1288 
 | 108* | 
56.00 
 | 
71.83 
 | 
2 
 | 
10 
 | 
| RB Richardson (WI) | 1984-1996 | 
23 
 | 
1143 
 | 108* | 
49.70 
 | 
64.32 
 | 
2 
 | 
10 
 | 
| MJ Clarke (Aus) | 2003-2011 | 
23 
 | 
1012 
 | 105* | 
44.00 
 | 
80.12 
 | 
3 
 | 
8 
 | 
| CL Hooper (WI) | 1988-2003 | 
22 
 | 
637 
 | 110* | 
28.95 
 | 
68.34 
 | 
1 
 | 
3 
 | 
सचिनवर टीका करणारे कायम म्हणत असतात की सचिनला संघाला विजयी करून देता येत नाही. तो विजयाची आशा दाखवितो व अर्ध्या वाटेवरच बाद होतो. संघाचे तारू भरकटते. आकडेवारी मात्र हा समज पार खोटा ठरविते. वरील यादी प्रमाणे सचिनने ही करामत 25 वेळा करताना 8 शतके व 10 अर्धशतके ठोकली आहेत. तसेच त्याची कारकिर्दीतली सरासरी व धावगती 44 व 88 असताना या प्रसंगात मात्र ती 74 आणि 92 आहे ! इथे हे सद्धा लक्षात घेतले पाहिजे की वरील यादीत सचिनच सलामीला खेळतो व असे असूनही संघाला नाबाद राहून विजय मिळवून द्यायची कामगिरी त्याने तब्बल 25 वेळा केली आहे ती सुद्धा जास्त सरासरी व धावगती राखून !
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