नुकत्याच
संपलेल्या कसोटी मालिकेत भारताने ऑसीजना चारी मुंड्या चीत केले. तिसर्या कसोटीत मोहालीला
ऑसीजने नाणेफेक जिंकून प्रथम फलंदाजी करताना 408 धावा केल्या होत्या तरीही हा सामना
त्यांना गमवावा लागला. या सामन्यानंतर माझे कुतुहल जागे झाले. कसोटी क्रिकेटच्या इतिहासात
असा कदाचित पहिलाच प्रसंग असेल किंवा असे प्रसंग फारच कमी असतील असे मला वाटत होते. डाव घोषित करून अथवा
फॉलो-ऑन देवून पराभूत होणे जसे विरळा तसेच हा प्रकार मला वाटला होता. खात्री पटविण्यासाठी
espncricinfo.com ची मदत घेतली व मिळालेली माहिती धक्कादायक होती. असे तब्बल 39 वेळा
घडले आहे. (त्यातही नाणेफेक जिंकून फलंदाजी स्वीकारताना पहिल्या डावात 400 पेक्षा जास्त
धावा करूनही संघ हरल्याचे 34 वेळा घडले आहे ! आपल्या हाताने पायावर कुर्हाड मारून
घेणे ! )
पहिल्या
डावात (1894 सालात ) ऑसीजनी 586 धावांचा डोंगर उभा करूनही इंग्लंडने त्यांना खडे चारले होते.
हा सामना 6 दिवस चालला होता ! त्या खालोखाल भारताने ऑसीजच्या पहिल्या डावातल्या
556 धावांना तोडीस तोड उत्तर दिले होते. ( 500 पेक्षा अधिक धावा करूनही संघांना तब्बल
6 वेळा पराभव चाखावा लागला आहे.) अशी नामुष्की ऑसीजवर 13 वेळा ओढवली असली तरी त्यांनी
12 वेळा अशा वेळ त्यांच्यावर आली तेव्हा विजयही खेचून आणला आहे. भारतीयांच्या दृष्टीने
अभिमानाची गोष्ट म्हणजे आपल्याला असे फक्त 3 वेळा हरावे लागले आहे तर 8 वेळा अशा प्रसंगात
आपण खचून न जाता विजयश्री खेचून आणली आहे व त्यात ही हा पराक्रम आपण चारदा जगातल्या
बलाढ्य समजल्या जाणार्या ऑस्ट्रेलियन संघाशी दोन होत करताना गाजविला आहे ! कोण म्हणतो
भारतीय कचखाऊ आहेत ?
Team Batting First
|
1st innings Score
|
Lost Against
|
Ground
|
Match Date
|
Australia
|
586
|
v England
|
Sydney
|
14 Dec 1894
|
Australia
|
556
|
v India
|
Adelaide
|
12-Dec-03
|
England
|
551
|
v Australia
|
Adelaide
|
1-Dec-06
|
West Indies
|
526
|
v England
|
Port of Spain
|
14-Mar-68
|
Australia
|
520
|
v South Africa
|
Melbourne
|
6-Feb-53
|
England
|
519
|
v Australia
|
Melbourne
|
8-Mar-29
|
England
|
496
|
v Australia
|
Leeds
|
22-Jul-48
|
Australia
|
490
|
v West Indies
|
Bridgetown
|
26-Mar-99
|
South Africa
|
484
|
v England
|
The Oval
|
4-Sep-03
|
Australia
|
478
|
v India
|
Bangalore
|
9-Oct-10
|
South Africa
|
451
|
v Australia
|
Sydney
|
2-Jan-06
|
West Indies
|
449
|
v Australia
|
Bridgetown
|
7-Apr-12
|
West Indies
|
448
|
v Sri Lanka
|
Galle
|
13-Nov-01
|
Australia
|
447
|
v England
|
Leeds
|
16-Aug-01
|
Australia
|
445
|
v India
|
Kolkata
|
11-Mar-01
|
England
|
445
|
v Sri Lanka
|
The Oval
|
27-Aug-98
|
Australia
|
435
|
v England
|
Sydney
|
23-Feb-33
|
New Zealand
|
433
|
v Australia
|
Christchurch
|
10-Mar-05
|
Australia
|
429
|
v West Indies
|
Bridgetown
|
30-Mar-84
|
Australia
|
428
|
v India
|
Mohali
|
1-Oct-10
|
Bangladesh
|
427
|
v Australia
|
Fatullah
|
9-Apr-06
|
England
|
425
|
v Australia
|
Lord's
|
27-Jun-30
|
Sri Lanka
|
425
|
v India
|
Colombo (PSS)
|
3-Aug-10
|
India
|
424
|
v Australia
|
Bangalore
|
25-Mar-98
|
Zimbabwe
|
422
|
v India
|
Delhi
|
18-Nov-00
|
Bangladesh
|
419
|
v England
|
Dhaka
|
20-Mar-10
|
Australia
|
414
|
v England
|
Melbourne
|
1 Mar 1895
|
India
|
414
|
v South Africa
|
Cape Town
|
2-Jan-07
|
Zimbabwe
|
412
|
v Pakistan
|
Bulawayo
|
1-Sep-11
|
New Zealand
|
409
|
v England
|
Leeds
|
3-Jun-04
|
Australia
|
408
|
v India
|
Mohali
|
14-Mar-13
|
Pakistan
|
408
|
v West Indies
|
Georgetown
|
13-Mar-58
|
England
|
405
|
v Australia
|
The Oval
|
16-Aug-30
|
West Indies
|
405
|
v Australia
|
Adelaide
|
25-Nov-05
|
Pakistan
|
405
|
v England
|
Karachi
|
7-Dec-00
|
India
|
402
|
v Australia
|
Perth
|
16-Dec-77
|
Australia
|
401
|
v England
|
Leeds
|
16-Jul-81
|
Sri Lanka
|
400
|
v England
|
Cardiff
|
26-May-11
|
Bangladesh
|
400
|
v India
|
Dhaka
|
10-Nov-00
|
1 टिप्पणी:
क्रिकेट आणि बेसबाँल मधला सर्वात मोठा फरक हा तंबाखू खाऊन ग्राउंडवर पचापच थुंकण्याचा मैदानावरील दृष्यमान अभाव....
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